यदि कभी कोई घायल या पीड़ित पशु - पक्षी हमें मिल जाएं तो हमारा यह कर्तव्य है कि हम हमारी संवेदना उसके साथ व्यक्त करते हुए उसके लिए यथायोग्य आश्रय, उपचार एवम् भरण- पोषण की व्यवस्था करें । इन मूक जीवों में प्रेम तथा भावनाओं को समझने की अद्भुत शक्ति होती है जिसके द्वारा ये समझ भी लेते हैं और व्यक्त भी करते हैं ।