इसका छत्ता माँ का बना होता है, जो 13-18 दिन की आयु की कमेरी मधुमक्खियों की ग्रंथियों से निकलता है। शहद को छत्ते के ऊपर वाले भाग में एकत्रित किया जाता है। शिशुपालन निचले वाले भाग में किया जाता है। शिशु मधुमक्खी कोष्ठों के आस-पास में पराग को संग्रह करती है।