अहिंसा एवं करुणा से ही मानवता, ज्ञान से तृष्णाओं का त्याग कर निर्वाण की प्राप्ति, धार्मिक कर्मकांडों की जगह आत्मदीपोभव से मुक्ति का मार्ग, क्षणिकवाद, विश्व प्राकृतिक नियमों से चलता है, आलौकिक तर्क के स्थान पर विवेक एवं तर्क, राग-द्वेष-स्वार्थ-अहंकार का त्याग और सत्ता एवं सम्पत्ति प्राप्ति के लिए अनुचित मार्ग अपनाना
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